
मध्य प्रदेश नाट्य विधालय की घटना ने भारत के सभी रंगकर्मियों का ध्यान अपनी ओर आकर्शित किया है । आठ छात्रों को विधालय निदेशक श्री आलोक चटर्जी ने निष्कासित कर दिया है । जो कारण बताये गये उसमे अनुशासन हीनता को आधार बनाया गया है । विधार्थी चार माह जो कोरना काल के कारण क्लास नही कर पाये ,उसकी मांग कर रहे थे । यह मांग कोरोना काल के कारण उत्पन्न हुई है । जो तर्कसंगत लगता है तो दूसरी तरफ यह कहा गया की जुलाई तक का वजीफा इन सभी छात्रों के बैक खाते में आ गया है । अब फिर से चार माह का क्लास तभी संभव हो पायेगा जब सरकार फिर से चार माह का वजीफा इन छात्रो को दे । जिसका कोई निर्देश सरकार से अभी तक विधालय को प्राप्त नही हुआ है । विधालय के निदेशक इस विषय पर राज्य सरकार से संवाद कर रहे है । परिणाम इस लेख के लिखते समय तक नही आया है । निष्कासित विधार्थियों का भविष्य और सम्मान दोनो दांव पर लगा हुआ है । कोरोना काल में मानव के मन में अवसाद का विकास तेजी से हो रहा है । भविष्य अंधेरे में है । इस घोर संवेदन शील काल में हम सभी को मानविये दृष्टिकोण को ध्यान में रख कर कोई भी निर्णय लेना चाहिये । निदेशक महोदय ...